कर्क (CANCER) राशि – प्रकृति एंव स्वभाव

प्रकृति एंव स्वभाव : कर्क राशि में पुनर्वसु नक्षत्र का अंतिम चरण तथा पुष्य नक्षत्र के 4 चरण तथा आश्लेषा नक्षत्र के 4 चरण आते है । इसका स्वामी चंद्रमा है। यह राशि उत्तर दिशा की स्वामी है।

जातक कफ प्रकृति का,अच्छी स्मरण शक्ति का स्वामी,सौम्य स्वभाव वाला,साहसी तथा लम्बी यात्राओं का प्रेमी,पानी से प्रेम करने वाला ,बुद्धिमान,परिश्रम करने वाला,धार्मिक प्रवृत्तियों वाला अर्थात धार्मिक कृत्यो के आन्तरिक मर्म को समझने वाला,लेखन कला तथा भाषण देने की कला में पारंगत होता है ।

गुरू के प्रति प्रेम करने वाला ,धनी बनने की इच्छा रखने वाला ,व्यवहार मे चतुर, जातक किसी भी बात को एक बार समझ लेता है तो कभी नहीं भुलता ,बचपन की बाते भी इन्हें याद रहती है इनका स्वभाव चंचल होता है ।

चंद्रमा जिस तरह कला बदलते है उसी प्रकार से कभी मानसिक स्थिति कमजोर तथा कभी अच्छी बनती है । क्रोध की स्थिति में जातक अपनी सुझ-बुझ खो देता है अन्य स्त्रियों से अच्छा व्यवहार करने तथा उनमें रूचि रखने के कारण कभी-कभी इनकें दामपत्य जीवन में समस्याएं भी पैदा हो जाती है ।

परन्तु अपने विवेक से समस्याएं सुलझा लेते है ।जातक महत्वपूर्ण लोगो से मित्रता की इच्छा रखते है ये भावुक तथा संवेदनशील होते है । इन्हें अपना घर तथा परिवार बहुत प्रिय होता है अपने घर को अपनी शैली के अनुसार विकसित करते है कोई व्यक्ति इनकीं बात करता है तो इन्हें अच्छा नहीं लगता यदि इनकीं कोई निंदा करे तो इन्हें अच्छा नहीं लगता तथा परनिंदा से बचने के लिए यह अपने विचारों में शीघ्र सुधार कर लेते है ।

 

यह किसी भी कार्य को पूर्ण मनोयाग से करते है तथा कार्य में बाधाएं व परेशानियां आने पर भी कार्य को छोड़ते नहीं है चाहे परिणाम कुछ भी हो । यह शारिरिक श्रम की अपेक्षा मानसिक श्रम करना ज्यादा पसन्द करते है इनकीं प्रकृति दयालु तथा उदार होती है ।
संगीत-नृत्य से इन्हें प्रेम होता है व्यस्त होने के बावजुद समय निकाल कर जहां संगीत-नृत्य का आयोजन हो वहां पहुंच जाते है ।

कर्क राशि के व्यक्तियों को अपना जीवन सुखी-समृद्ध व शांत बनाने के लिए लाल किताब में बताएं निम्न उपाय करे ।

1. कोई भी नदी पार करे उस समय तांबे का सिक्का पानी में प्रवाहित करे ।
2. अपनी मां से थोड़ी चांदी व चावल लेकर अपने पास रखे ।
3. चांदी के बर्तन में पानी तथा दूध पीये ।
4. गेहूं ,गुड़ तथा तांबे का दान करे।

5. पानी के प्याऊ लगवाएं ।
6. मंदिर में दर्शन करने जाए तो नंगे पांव जाए।
7. तीर्थ स्थान की यात्रा करने कोई जा रहा हो तो उसे ना रोके ।
8. माता जो भी सलाह दे उसका पालन करे ।

9. दुर्गा चालीसा का पाठ करे तथा कन्यादान में सामान दे ।
10. चावल ,दूध व चांदी अपनी बेटी या संतान को दे ।
11. सोने के पलंग के पाये में तांबे का टुकड़ा लगाए।
12. घर बनाते समय नींव में चांदी की ईट लगवाएं।
24 वर्ष से पहले घर का निर्माण न करे । सफेद वस्तुओं से निर्मित चीजों का व्यापार न करे । अपने रहस्य किसी को भी न बताए ।

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