कुंभ (AQUARIUS) राशि – प्रकृति एंव स्वभाव

कुंभ राशि का स्वामी शनि है । जातक दान-पुण्य में रूचि वाला, परोपकार की स्वाभाविक सुझ-बुझ वाला ,भोग-विलास मे रूचि रखने वाला , मनोरंजन प्रिय, गर्म स्वभाव का,निर्भय तथा अभिमानी प्रवृति का , कंजुस प्रवृति का, दूसरो से ईष्या करने वाला, प्रत्येक बात पर अधिक विचार करने वाला , आलसी प्रवृति वाला ,लोगो की मदद करने वाला , शिष्टाचार का पालन करने वाला तथा साहसी होता है ।

ये अपनी कार्य प्रणाली को गुप्त रखते है किसी को बताते नहीं है ये कार्य के प्रति लगनशील होते है परिश्रम से घबराते नहीं है तथा अपने लक्ष्य को धीरे-धीरे प्रप्त कर लेते है अच्छे कार्यो को करके अपना नाम रोशन करते है तथा सबसे स्नेह रखते है ।

ये स्पष्टवादी होते है अपने वादे के पक्के होते है जो वादा करते है उसे निभाते है ये किसी के पीठ-पीछे बोलना पसन्द नहीं करते है । ये किसी का दबाव, अन्याय तथा अत्याचार सहन नहीं कर सकते है ।

ये रूढिवादिता में विश्वास नहीं करते है ये हर विषय पर विचार करते है तथा प्रत्येक विषय में गहराई तक पहुंचते है ।

ये अंदर से कमजोर होते है परन्तु बाहर से दृढ़ दिखते है । ये किसी बात का विरोध करने से पहले उसकी असलीयत गहराई से परख लेते है । ये अपने चारो ओर आर्थिक समृद्धि एवं विलासिता की वस्तुओं की भरमार चाहते है । तथा ये स्वयं के द्वारा उपार्जित धन को व्यय करने में विश्वास रखते है ।

ये विद्धवान एवं धनि बनने के लिए कठोर परिश्रम करते है ये मितव्ययी होते है अर्थात सोच समझ कर व्यय करते है इस कारण लोगो की नज़र में कंजुस माने जाते है मित्रों एवं सामाजिक के लिए खर्च करते समय योचते विचारते नहीं है तथा अत्यधिक खर्च कर देते है तथा बाद में पछताते है ।
अपने आप को आकर्षक बनाने में तथा भोगसामग्री के लिए भी खर्च करते है ये धर्म-कर्म में विश्वास रखने वाले तथा अतिथि सत्कार करने वाले होते है । ये बातों में ज्ञान देने वाले होते है परन्तु स्वयं उस ज्ञान का पालन नहीं करते है ।

दूसरे नियमों का पालन करे ऐसा ये चाहते है परन्तु स्वयं नियमो का पालन करने में कोताही बरतते है । इनमें आत्मविश्वास प्रबल होता है किन्तु वासना एवं संगति के प्रभाव से ये अपने कार्यो में डगमगा जाते है ये स्वतंत्र विचारो वाले होते है परन्तु कभी-कभी इन पर दूसरो का प्रभाव भी हो जाता है । यदि परिवार मे कोई मतभेद हो जाए तो ये मनोरंजन से उसे दुर करने का प्रयत्न करते है ।

कुंभराशि के व्यक्तियों को अपना जीवन सुखी-समृद्ध व शांत बनाये रखने के लिए लाल-किताब में बताये गए निम्न उपाय करने चाहिए :-

1. अपने पास चांदी का टुकड़ा रखे ।
2. सरसो के तेल को रोटी पर लगाकर गायो को खिलावे।
3. जेब में छोटी-छोटी चांदी की गोलियां रखे ।
4. दूध से स्नान करे ।
5. गेहूं, गुड़ तथा कांसा मंदिर में दान करे ।

6. चांदी का चौकोर टुकड़ा गर्दन मे बांधे ।
7. केसर या हल्दी का तिलक करे ।
8. सोना धारण करे ।
9. भैरव मंदिर में शराब चढ़ावे,लेकिन खुद न पिये ।

10. तेल और शराब का दान करे ।
11. शनिवार का व्रत करे ।
12. असत्य भाषण न करे तथा मांस भक्षण न करे ।

सांपो को दूध पिलाने के लिए सपेरे को पैसा दे, छत पर ईधन आदि न रखे,48 वर्ष से पहले अपना मकान न बनवाए , दक्षिण दिशा वाले मकान का परित्याग करे , घर के अंतिम हिस्से में खिड़की न लगवाए ।

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