तुला (LIBRA) राशि – प्रकृति एंव स्वभाव

प्रकृति एंव स्वभाव : इसका स्वामी शुक्र है जातक प्रतिकुल अवसरो में क्रोधित होने की प्रवृति वाला, विनम्र तथा सभ्य वाणी वाला , सच्चा धार्मिक व पाखण्ड़ रहित विचारो वाला , पराक्रमी ,पुरूषार्थी, किन्तु आलसी , कंजुस , सुन्दर स्त्रियों-पुरूषो एवं बालको से प्रेम करने वाला होता है ।

यो जो भी कार्य करते है पुरी लगन से करते है परन्तु प्रतिफल पुरा नहीं मिलने पर कुछ उत्साह कम हो जाता है इनकीं अनासक्त प्रवृति होने से कभी-कभी दुखी हो जाता है । इनकों पारिवारिक कोई ना कोई चिंता बनी रहती है परन्तु पारिवारिक जीवन सफल कहा जा सकता है पत्नी की क्षेत्र में ये सौभाग्यशाली कहे जा सकते है पर पति-पत्नी दोनो एक विचार वाले नहीं होते फिर भी पत्नी को अपने पक्ष मे कर लेते है ।

अतिथियों के प्रति ये श्रृद्धा रखते है अपने आपको आकर्षक बनाने में खर्च करते है ये स्वतंत्र विचारधारा वाले होते है योग्य व्यक्तियों की आज्ञापालन करना अपना धर्म समझते है प्रेम के मामलो इनका जीवन अशान्त रहता है ये सच्चे धार्मिक व पाखण्ड़ रहित विचारों वाले होते है ।

ये व्यापार और आर्थिक सलाहकार के रूप में बहुत कल्पनाशील और संतुलित होते है अधिकांश व्यक्ति व्यापारिक कार्यो मे सफल होते है लेन-देन करने, सौदा, खरीदना व बेचना आदि कार्यो में इनकी रूचि होती है और उसमें यह सफल कहे जा सकते है ये सौन्दर्य प्रेमी होते है प्रेम व आनन्द प्राप्त करना इनके जीवन का लक्ष्य होता है ।

ये विश्वास करने वाले, बुद्धिमान, न्यायशील व संवेदनशील होते है इनका स्वभाव प्रसन्नता व उदासीनता का मिला-जुला रूप होता है ये हमेशा उत्साह में भरे हुए रहते है दुसरे लोग इनके बारे में कुछ भी धारणा बनाए ये अपने हाल मे मस्त रहते है ।

राजनीति के क्षैत्र मे ये सफल कहे जा सकते है भीड़ को नियंत्रण में रखना या जनता को भाषण के माध्यम से मंत्रमुघ्ध करना इनकें लिए सहज होता है ये इस बात को जानते है कि विरोधी को अपने पक्ष मे कैसे किया जावे ।

ये नैतिकता के कारण कुछ ऐसे अनुयायी बना लेते है जिनसें इन्हें यश और सम्मान मिलता है ये जहां भी जाते है वहीं अपने सहयोगी बना लेते है । इनका स्वाभाव मिलनसार होता है परन्तु कभी-कभी चिड़चिड़े हो जाते है इन्हें अपनी निंदा सहन नहीं होती तथा छोटी-छोटी बातों को लेकर उलझने लगते है तनिक सी कड़वी बात इन्हें बाण की तरह लगती है ।

जो इनकी निंदा करता है उसके प्रति हिंसा का भाव रखते है जब तक बदला नहीं ले लेते इन्हें संतोष नही होता है अंतिम सांस तक अपनी बात का समर्थन करते है । ये अत्यधिक दयालुता के कारण धोखा खाने वाले , कभी समपन्नता व कभी विपन्नता प्राप्त करने वाले होते है ।

ये समाजसेवी , देशभक्त तथा कलाओं में रूचि रखने वाले होते है इनसे शारिरिक श्रम अधिक नहीं हो सकता प्रारम्भ मे तो लोग इनकी हंसी उड़ाते है परन्तु बाद मे सम्मान करते है ये स्फुर्तिवान व चंचल होते है एक बार जो इनसे परिचित हो जाता है वह इन्हें नहीं भुल पाता, ये गम्भीर होते है परन्तु आनंद मे आकर ये अपने ह्दय की बात कह देते है ।

ये मित्रता के बंघन को प्रेम और सम्मान प्रदान करने वाले, यात्रा के प्रेमी होते है । संगीत व कलाओं में रूचि रखते है पर इनके जीवन का मुख्य उद्देश्य अर्थ का संचय होता है ये ऐसा कोई भी कार्य करने में हिचकिचाहट महसुस नहीं करते जिनसे पैसा प्राप्त होता है ।

तुला राशि के व्यक्तियों को अपना जीवन सुखी, समृद्ध व शांति बनाने के लिए लाल किताब मे बताए गए निम्न उपाय करे :-

तवा,चिमटा,चकला और बेलन किसी मंदिर में दान करे ।
शराब नहीं पीये ।
अपनी भोजन की थाली में से कुछ भोजन निकाल कर पशु-पक्षियों और गाय को खिलाए।
सास-ससुर से चांदी लेकर अपने पास रखे ।

इनकीं पत्नी हमेशा माथे पर टीका लगाए रखे
पत्नी से पुन: विवाह करे ।
घर में संगीत ,वाघ व नृत्य का परित्याग करे ।
पत्नी का हमेशा सम्मान करे ।

भगवान के नाम पर कोई भी दान स्वीकार न करे ।
गटर में फूल या तांबे का सिक्का ड़ाले ।
माता-पिता की आज्ञा से ही विवाह करे ।
पति-पत्नी गुप्त स्थानो(गुप्तांग) का दूध से साफ करे ।
घर की नींव में चांदी और शहद ड़ाले । सफेद गाय को छोड़कर अन्य गायों को ग्रास दे । परिवार में कोई भी स्त्री नंगे पांव न चले । मक्खन, आलु व दही का दान करे । भगवान में पुर्ण आस्था रखे ।

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