चित्रा नक्षत्र में होगी कलश स्थापना

घटस्थापना का शुभ समय

7 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 17 मिनट से सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक है।

अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक है।

7 अक्टूबर- प्रतिपदा
मां शैलपुत्री की पूजा
8 अक्टूबर-द्वतिया
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
9 अक्टूबर-सुबह 7 बजे तक तृतीया ,चतुर्थी का क्षय-मां चंद्रघंटा व मां कुष्मांडा की पूजा-
10 अक्टूबर- पंचमी
मां स्कंदमाता की पूजा
11 अक्टूबर- षष्टी
मां कात्यायनी की पूजा
12 अक्टूबर- सप्तमी
मां कालरात्रि की पूजा
13 अक्टूबर-अष्टमी
मां महागौरी की पूजा
14 अक्टूबर-नवमी
मां सिद्धिदात्री की पूजा
15 अक्टूबर- दशमी तिथि, विजयादशमी या दशहरा

 


माँ दुर्गा की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ सर्वोत्तम है ….

🌹 भुवनेश्वरी संहिता में कहा गया है- जिस प्रकार से ”वेद” अनादि है, उसी प्रकार ”सप्तशती” भी अनादि है….

🌹 दुर्गा सप्तशती के 700 श्लोकों में देवी-चरित्र का वर्णन है…

🌹 दुर्गा सप्तशती में कुल 13 अध्याय हैं…..

🌹 दुर्गा सप्तशती के सभी तेरह अध्याय अलग अलग इच्छित मनोकामना की सहर्ष ही पूर्ति करते है….

🌹 प्रथम अध्याय :- इसके पाठ से सभी प्रकार की चिंता दूर होती है एवं शक्तिशाली से शक्तिशाली शत्रु का भी भय दूर होता है शत्रुओं का नाश होता है….

🌹 द्वितीय अध्याय :- इसके पाठ से बलवान शत्रु द्वारा घर एवं भूमि पर अधिकार करने एवं किसी भी प्रकार के वाद विवाद आदि में विजय प्राप्त होती है….

🌹 तृतीय अध्याय :- तृतीय अध्याय के पाठ से युद्ध एवं मुक़दमे में विजय, शत्रुओं से छुटकारा मिलता है…..

🌹 चतुर्थ अध्याय :- इस अध्याय के पाठ से धन, सुन्दर जीवन साथी एवं माँ की भक्ति की प्राप्ति होती है ……

🌹 पंचम अध्याय :- पंचम अध्याय के पाठ से भक्ति मिलती है, भय, बुरे स्वप्नों और भूत प्रेत बाधाओं का निराकरण होता है …..

🌹 छठा अध्याय : – इस अध्याय के पाठ से समस्त बाधाएं दूर होती है और समस्त मनवाँछित फलो की प्राप्ति होती है….

🌹 सातवाँ अध्याय : – इस अध्याय के पाठ से ह्रदय की समस्त कामना अथवा किसी विशेष कार्य सिद्धि कामना की पूर्ति होती है…..

🌹 आठवाँ अध्याय : – अष्टम अध्याय के पाठ से धन लाभ के साथ वशीकरण प्रबल होता है…

🌹 नौवां अध्याय :- नवम अध्याय के पाठ से संपत्ति एवं धन का लाभ भी प्राप्त होता है …

🌹 दसवाँ अध्याय :- इस अध्याय के पाठ से शक्ति और संतान का सुख भी प्राप्त होता है …..

🌹 ग्यारहवाँ अध्याय :- ग्यारहवें अध्याय के पाठ से किसी भी प्रकार की चिंता से मुक्ति , व्यापार में सफलता एवं सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है…..

🌹 बारहवाँ अध्याय :- इस अध्याय के पाठ से रोगो से छुटकारा, निर्भयता की प्राप्ति होती है एवं समाज में मान-सम्मान मिलता है ……

🌹 तेरहवां अध्याय :- तेरहवें अध्याय के पाठ से माता की भक्ति एवं सभी इच्छित वस्तुओं की प्राप्ति होती है….
ज्योतिषाचार्या स्वाति सक्सेना

 

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