देव गुरु बृहस्पति -सब से अधिक प्रभावी, सब से बड़ा ग्रह और जीवन के 5 से अधिक पहलुओं पर अपनी पकड़ रखने वाले हैं

जिस प्रकार ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का और चंद्रमा को मन का कारक माना गया है, बृहस्पति देव उसी प्रकार शारीरिक को  पुष्टता एवं ज्ञान का कारक माना गया है. बृहस्पति को सौम्य और शुभ ग्रह माना गया है

देव गुरु बृहस्पति -सब से अधिक प्रभावी, सब से बड़ा ग्रह और जीवन के 5 से अधिक पहलुओं पर अपनी पकड़ रखने वाले हैं
वैदिक ज्योतिष के आधार पर 5 भावो के कारक ग्रह सूर्य चंद्रमा और मंगल ग्रह बृहस्पति के लिए मित्र ग्रह है, बुध शत्रु है और शनि तटस्थ है।
बृहस्पति के तीन नक्षत्र पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वा भाद्रपद होते हैं।

देव गुरु बृहस्पति का स्वरुप

बृहस्पति देव को देवताओं के गुरु की पदवी प्रदान की गई है। ये स्वर्ण मुकुट तथा गले में सुंदर माला धारण किये रहते हैं। ये पीले वस्त्र पहने हुए कमल आसन पर आसीन रहते हैं तथा चार हाथों वाले हैं। इनके चार हाथों में स्वर्ण निर्मित दण्ड, रुद्राक्ष माला, पात्र और वरदमुद्रा शोभा पाती है। प्राचीन ऋग्वेद में बताया गया है कि बृहस्पति बहुत सुंदर हैं। ये सोने से बने महल में निवास करते है।
इनका वाहन स्वर्ण निर्मित रथ है, जो सूर्य के समान दीप्तिमान है एवं जिसमें सभी सुख सुविधाएं संपन्न हैं। उस रथ में वायु वेग वाले पीतवर्णी आठ घोड़े तत्पर रहते हैं।

राशि परिवर्तन
बृहस्पति सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह हैं। इनका राशि परिवर्तन व्यक्ति को सर्वाधिक प्रभावित करता है।

2024 मे देव गुरु बृहस्पति का गोचर
1 मई 2024 दोपहर 1.50 बजे शुभ ग्रह बृहस्पति राशि परिवर्तन कर शुक्र की राशि वृषभ में प्रवेश कर चुके है ।
जहाँ 14मई 2025 तक रहेंगे
इस बीच बृहस्पति, 9 अक्टूबर 2024 से 4 फरवरी 2025 तक वृषभ राशि में वक्री रहेंगे।
4 फरवरी 2025 से 14 मई 2025 तक मार्गी रहेंगे वृषभ राशि मे

नक्षत्र गोचर 2024

31/जुलाई से 20 अगस्त तक गुरु रोहणी नक्षत्र मे
फिर 20 अगस्‍त को 5 बजकर 22 मिनट पर मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। 
रोहणी नक्षत्र मे गुरु का गोचर – वृषभ धनु और सिंह को लाभ देगा
मृगशिरा नक्षत्र मे मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, मकर को लाभ

 

2025 -अतिचारी रहे गे देवगुरु बृहस्पति

साल 2025 में देव गुरु बृहस्पति का गोचर मिथुन और कर्क राशियों मे रहेगा

14 मई 2025 से 18अक्टूबर 2025-मिथुन राशि मे

देव गुरु बृहस्पति 14 मई 2025 को रात 11 बजकर 20 मिनट पर मिथुन राशि  में गोचर करेंगे।

18अक्टूबर से 05सितंबर 2025 – कर्क राशि मे
18 अक्तूबर को रात 09 बजकर 39 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

गुरु साल के आखिरी में 05 सितंबर 2025 को दोपहर 03 बजकर 38 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।

अतिचारी बृहस्पति देव
गुरु 1 3 महीनो मे 30 डिग्री की गति करते हैं यानी 30 डिग्री चलते हैं, पर जब कोई भी ग्रह अतिचारी होता हैं तो वह तेज गति से कम समय मे यें दुरी तय कर लेते हैं

2025 मे भी ऐसा ही होगा

बृहस्पति ग्रह 30 डिग्री को तेज गति से पार करेंगे, 13 महीनों की जगह 4 या 5 महीने में ही मिथुन से कर्क में चले जाएंगे और वहां डेढ़ से 2 माह रहने के बाद पुन: मिथुन में वक्री होकर लौटेंगे जहां वे 30 से 25 डिग्री चलकर पुन: कर्क में मार्गी हो जाएंगे।
बृहस्पति ग्रह इस तेज गति के दौरान उन्ही की इतर राशि मीन मे शनि और राहु की युक्ति रहेगी 18 मई 2025 तक यानी 2025 मे मई जून तक अप्रत्याशी घटनाओ से गुजरना पड़ेगा

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