प्रकृति एंव स्वभाव : इस राशि का स्वामी बुध है । इस राशि का जातक काम क्रीड़ा में निपुण तथा आनन्ददायक जीवन बिताने का इच्छुक, विचारशील,हमेशा प्रसन्नचित्त रहने वाला,संगीत और नृत्य में आसक्ति रखने वाला ,कम बोलनेवाला, अपने जन्म स्थान से अन्यन्त्र रहने की इच्छावाला अर्थात यात्राप्रेमी ,काव्य प्रतिभा सम्पन्न अर्थात लेखन,भाषण कला मे प्रवीण तथा बोलचाल मे प्रवीण होता है ।
जातक दयालु, परोपकार करने वाले तथा बुद्धिमान होते है ये असम्भव कार्यो को भी सम्भव बना देते है । ये अच्छे लोगो का आदर करने वाला तथा उनकें साथ अच्छा व्यवहार करने वाला होता है । ये चाहते है कि अच्छा से अच्छा कार्य हो इसलिए किए गए कार्य से संतुष्ट नहीं होते है ।
प्रत्येक कार्य मे मीनमेख निकालना इनका स्वभाव है । ये शिक्षा की अपेक्षा अनुभव से अधिक सीखना चाहते है । हमेशा सुव्यवस्थित,क्रमबद्ध और शांतिपुर्वक कार्य करना अधिक पसंद करते है ।
ये सामान्यतया अच्छे दिखने वाले ,अच्छे वस्त्र पहनने वाले, धार्मिक विचार वाले व्यक्ति होते है ये आर्थिक व्यवहार करने में चतुर,दान देने वाले ,धार्मिक मार्ग में लगे रहने की इच्छा रखने वाले , सभी से प्रेम करने वाले होते है ।
ये बुद्धिमान होते है इससे कठिन से कठिन मामलो को शीघ्र सुलझा लेते है । ये संघर्ष करने में विश्वास नहीं करते है ये अपने सिद्धान्तों पर हमेशा अटल रहते है । स्वभाव परोपकारी होने से सबके हितो को प्रधानता देते है । ये परिवार के प्रति भावुक, इनकी वाणी में मधुरता होने से पराये को भी अपना कर लेते है ।
यह स्त्रीयों को शीघ्र ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते है तथा उनका मन मोह लेते है । ये खुद डरपोक स्वभाव के होते है परन्तु दुसरो को निर्भय बनाने का कार्य करते है । इनमें दूसरे लोगो को परखने की शक्ति होती है इनका प्रारम्भिक जीवन दुख से युक्त होता है परन्तु भविष्य को ये उज्जवल बना लेते है ।
ये विवाह सम्बन्ध में मुश्किल से समायोजित हो पाते है । सत्य,अहिंसा आदि को ये पूर्णतया अपने जीवन मे उतारते है । इनमें वासना का प्रभाव अधिक रहता है । ये ज्ञानी होते है तथा धर्मशास्त्र तथा कानुन के जानकार होते है इससे जो इनकें सम्पर्क मे आता है वह इनका अनुयायी बन जाता है । ऐसे व्यक्ति सफल मित्र होते है ।
• कन्या राशि के व्यक्तियों को अपना जीवन सुखी, समृद्ध व शांति बनाने के लिए लाल किताब मे बताए गए निम्न उपाय करे :-
1. नये कपड़ो को पहनने से पहले नदी के पानी में घोये ।
2. हरे रंग का रूमाल हमेशा अपने पास रखे ।
3. ढ़क्कन सहित घड़ा नदी के पानी मे प्रवाहित करे ।
4. पुत्री को चांदी की नथ पहनावें ।
5. छत पर वर्षा का जल एकत्रित कर रखे।
6. पुजा का स्थान बार-बार परिवर्तित न करे ।
7. पन्ना धारण करे ।
8. काली नेकर पहने ।
9. बेटी को स्नेह दे ।
10. चांदी का छल्ला धारण करे ।
11. शराब नहीं पीये ।
12. घर में हरे रंग का प्रयोग न करे ।
घर में तुलसी या मनीप्लांट के पौधे नहीं लगावे । चौडे पत्ते वाले पेड़ घर में नहीं लगावे । भुरे रंग का कुत्ता न पाले । किए गए वायदे पर कायम रहे , अपशब्द न बोले न किसी पर क्रोध करे । हरी वस्तुए नदी के जल में प्रवाहित करे ।