मेष(ARIES)राशि – प्रकृति एंव स्वभाव

प्रकृति एंव स्वभाव : इनका स्वभाव मेढ़ा की तरह होता है । मेष राशि का स्वामी मंगल होता है ।इस राशि में अश्विनी नक्षत्र के 4 चरण, भरणी नक्षत्र के चार चरण तथा कृतिका नक्षत्र के प्रथम चरण आते है। यह राशि पूर्व दिशा की स्वामिनी है।

मेष राशि के व्यक्ति राज्याधिकारियों से प्रतिष्ठा पाने वाले होते है । अपनी दृष्टि एक समय में एक लक्ष्य पर स्थिर करने मे असमर्थ होते है ।
इनकी शारीरिक और मानसिक शक्ति प्रबल होती है परन्तु बीमारी के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते है ये सिरदर्द,रक्तविकार आदि से पीड़ित रहते है । इनके वयक्तित्व से महिलाएं अधिक प्रभावित होती है । यह अपनी पत्नी को प्रसन्न रखकर स्वयं प्रसन्न रहने वाले होते है ।

ये धार्मिक भावना वाले तथा कृतज्ञता का भाव कम रखने वाले होते है तथा चापलूसी करने वालो से घृणा करते है । दान पुण्य मे इनकी रूचि होती है परन्तु इन्हें जल से भय होता है कुएं,नदी,समुद्र,तालाब आदि में उतरने पर भयभीत होते है । इनके कार्यो में अत्यधिक गतिशीलता, उतावलापन होता है ये अनैतिक एवं दुस्साहसी कार्यो में दिलचस्पी रखने वाले,साहसी,परोपकारी,मिलनसार तथा भविष्य को उज्जवल बनाने में प्रयत्नशील रहने वाले होते है ।

ये उच्च समाज में अपनी पहचान बनाने हेतु पर्याप्त आकर्षण रखने वाले परन्तु स्वयं को प्रसिद्धि से बचाने वाले होते है ।
इनमें अभिमान, उदारता,साहस आदि गुण पाये जाते है ।

ये किसी कार्य के आरम्भ में पूर्ण मनोयोग से लगते है परन्तु कार्य के समाप्त होने तक इनके ध्यान में कमी आ जाती है ये कठिन से कठिन कार्यो में बिना विचार के कुद पड़ते है ये किसी भी कार्य में हार नहीं मानते तथा कोई भी इनकें कार्य में दखल दे उसे पसंद नहीं करते।
नेतृत्व का गुण इनमें विशेष होता है जब भी इनकों नेतृत्व का अवसर मिलता है तब लोगो के मन की गहराईयों तक पहुंचकर सब को मोहित कर लेते है ये जिस पर आकर्षित होते है उनकें प्रति इनकें मन मे अपार श्रृद्धा रखते है । ये वृद्धावस्था में शान्त रहते है ।

अपने जीवन में सुख-समृद्धि तथा शांति के लिए निम्न उपाय करे :-

• किसी भी व्यक्ति से कोई भी वस्तु मुफ्त में न ले ।
• हमेशा अपने पास लाल रंग का रूमाल रखे ।
• दिन अस्त हो जाने के बाद गुड़ बालको मे बांटे ।
• सदाचार का सदा पालन करे ।
• साधु संतो, मॉ व गुरू की सेवा करे ।

• मीठी वस्तुओ का व्यापार नहीं करे।
• अपने बगीचे में नीम का वृक्ष लगाए।
• रात्रि को सोते समय अपने सिरहाने एक गिलास पानी भर कर रखे सुबह उस जल को किसी गमले में डाल दे।
• पुत्र के जन्म के समय नमकीन वस्तु बॉटे।

• बहन ,बेटी व बुआ को उपहार में मिठाई दे ।
• विधवाओं की सहायता करे और आशीर्वाद ले।
• मीठी रोटी गाय को खिलायें ।
गज-दन्त से निर्मित वस्तुए मेष राशि वालो के लिए हारिकारक है अत: इनका प्रयोग न करे। काले,काने व अपाहिज व्यक्तियों से हमेशा दुरी बनाए रखे वरना मुसीबत में फंस सकते है।

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