वृष(TAURAS) राशि – प्रकृति एंव स्वभाव

प्रकृति एंव स्वभाव : इनका स्वभाव बैल की तरह होता है,वृष राशि का स्वामी शुक्र होता है इस राशि में कृतिका के 3 चरण,रोहिणी के 4 चरण और मृगशिरा के दो चरण आते है।यह राशि दक्षिण दिशा की स्वामिनी है ।

वृष राशि के व्यक्ति कोमल स्वभाव वाले वायु प्रकृति के,सम्भोग क्रिया में अधिक रूचि रखने वाले । जीवन का आनंद उठाने की प्रवृति वाले होते है ।

इनकें कपट रहित व्यवहार वाले होने से अच्छे मित्रो के विस्तृत समाज से युक्त होते है । ये नवीन विचारधारा वाले व्यक्तियों से मित्रता करने में कुशल होते है ।

ज्यादा बोलने वाले व्यक्तियों से इनकी मित्रता नहीं हो सकती इनमें उच्च स्तर की आध्यात्मिक शुद्धता रहती है। अर्थात दान-पुण्य करने वाले , धर्म कार्यो में निपुर्ण, पवित्र ह्दय वाले तथा महान भावनाओं वाले होते है ।

सामान्यतया मजबुत व्यक्तित्व वाले आसानी से समपन्नता प्राप्त करने वाले , चतुराई से काम निकालने वाले , स्वार्थी एवं परीश्रमी, गायन व भाषण में रूचि रखने वाले तथा स्वयं के चुम्बकीय प्रभाव को रखने वाले , मनोरंजन और अच्छे रहन-सहन में विश्वास रखने वाले , समाज में प्रतिष्ठा पाने वाले व्यक्ति होते है ।

इनकीं मनोवृति प्रेरणा देने वाली होती है । मित्रों के साथ ये प्रेम पुर्ण व्यवहार करते है , व्यवहार कुशल होते है तथा सभी के लिए अच्छा करते है परन्तु यश न मिलने के कारण मन में दुख होता है ।

इनकी वाणी में मधुरता होने से ये सबके दिल को मोहित कर लेते है स्त्री पक्ष को मान देकर उनकीं श्रृद्धा के केंद्र बन जाते है ये शांतिमय जीवन जीना चाहते है ।

 

ये शीघ्र क्रोधित नहीं होते परन्तु जब क्रोध आ जाता है तो भयंकर क्रोध करते है । इन्हें थोड़ी सी भी उपेक्षा असहनीय होती है , ये विरोध सहन नहीं कर सकते है । आवेश की अधिकता के समय किसी बात का निर्णय शीघ्र ले लेते है जिसके कारण कभी-कभी इन्हे भारी विपत्ति का सामना भी करना पड़ सकता है ।

जब अधीर हो जाते है तो आई हुई समस्याओं को निपटाकर ही चैन लेते है । यह कठीन परिश्रम के कार्यो में विश्वास नहीं करते किन्तु धनोपार्जन करने वाले कार्य शीघ्र कर लेते है ।

• वृष राशि के व्यक्ति अपने जीवन को सुखी,समृद्ध तथा शांत बनाने के लिए लाल किताब में बताये गए निम्न उपाय करे :-

1. अत्यधिक काम वासना का त्याग करे तथा पर स्त्री का संग नहीं करे ।
2. घी का दीपक प्रतिदिन जलांए ।
3. घर में मनी प्लांट लगांए ।
4. वस्त्रों को इस्त्री करके पहने ।

5. सलीकेदार कपड़े पहने तथा कपड़ो पर परफ्यूम लगांए।
6. मुंग की दाल का दान करे ।
7. शुक्रवार का उपवास करे ।
8. चावल या चांदी हमेशा पास रखे ।

9. किसी के साथ धोखाधड़ी न करे ।
10. चांदी का टुकड़ा नीम के पेड़ के नीचे दबाए ।
11. झुठी गवाही न दे ।
12. किसी भी स्थति में रोमांस न करे ।
मुक्तक व वज्रमणी कभी भी धारण नहीं करे तथा नये जूते व चप्पल जनवरी व फरवरी माह में नहीं खरीदे ।

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